मंगलवार, 7 दिसंबर 2021

पर मैं तो जानता हूँ ना कि वो कौन है!

 डॉक्टर की क्लीनिक पर बहुत भीड़ थी. 75 वर्षीय दादाजी अपना चेकअप कराने के लिए पहुंचे. वह बहुत जल्दबाजी में थे, उन्होंने वहां उपस्थित लोगों व स्टाफ से अनुरोध किया कि कृपया उन्हें जल्दी दिखा लेने दें क्योंकि आधे घंटे बाद उन्हें एक और हॉस्पिटल में पहुंचना है.

किसी ने अन्दर जाकर डॉक्टर से परमिशन ली और उन्हें अन्दर भेज दिया.

डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा, “आइये दादा जी!, बैठ जाइए.”

चेकअप  करते- करते डॉक्टर ने पूछा, “ क्या बात है आप इतनी जल्दी में क्यों हैं क्या मेरे बाद किसी और डॉक्टर से भी मिलना है?”

“नहीं बेटा, दरअसल मेरी पत्नी पास ही के एक हॉस्पिटल में एडमिट है और मुझे उसके साथ शाम की चाय पीने पहुंचना है.”, दादाजी ने बताया.

डॉक्टर बोला, “ क्या हुआ है उनको?”

“कुछ नहीं बेटा, बुढापा अपने साथ कई बीमारियाँ लेकर आता है, बेचारी पिछले कई सालों से से अलजाइमर डिजीज से ग्रस्त है और पिछले 2 महीने से तबियत अधिक बिगड़ने के कारण हॉस्पिटल में एडमिट है.”, दादाजी ने उत्तर दिया.

“अलजाइमर डिजीज! इसमें तो मरीज को ठीक से कुछ याद नहीं रहता”, डॉक्टर चिंता प्रकट करते हुए बोला.

“हाँ बेटा, सही कहा तुमने, वो तो अब मुझे पहचानती भी नहीं?”, दादा जी दुखी होते हुए बोले.

डॉक्टर ने आश्चर्य से पूछा, “ वो आपको पहचानती भी नहीं, फिर भी आप रोज उनके साथ चाय पीने के लिए जाते हैं?”

दादा जी एक क्षण के लिए रुके और फिर बोले-

तो क्या हुआ वो मुझे नहीं पहचानती, पर मैं तो जानता हूँ ना कि वो कौन है!

दोस्तों, सच्चा प्यार यही होता… this is what we call “TRUE LOVE”. ये unconditional होता है…इसमें ये नहीं होता कि तुम मेरे साथ ऐसा-ऐसा करोगे तभी मैं तुम्हें मानूंगा, प्रेम करूँगा… बल्कि इसमें ये होता है कि तुम मेरे साथ जैसा भी करोगे मैं तुम्हे मानना नहीं छोडूंगा…मैं तुम्हे प्रेम करना नहीं छोडूंगा.

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें