रमेश एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था. खर्चे बहुत थे और वो अक्सर पैसों की तंगी को लेकर परेशान रहता था.
एक दिन जब वो काम से लौटा तो उसन देखा कि एक बड़ा सा डिब्बा गिफ्ट व्रैप करके आलमारी पर रखा हुआ है.
“अरे सुनती हो, ये गिफ्ट किसके लिए रखा है…क्या ज़रुरत है किसी को इतना बड़ा गिफ्ट देने की?” रमेश ऊँची आवाज में बोला.
“पापा, ये गिफ्ट मैंने तैयाल किया है!” रमेश की 4 साल की बेटी गुड़िया ने अपनी तोतली आवाज में कहा.
यह सुनकर रमेश और भी क्रोधित हो गया और बोला, “आज के बाद से बिना मुझसे पूछे तुम किसी को कोई गिफ्ट नहीं दोगी… चलो भागो यहाँ से.”
रमेश की डांट सुनकर गुड़िया रोते हुए कमरे से भागी.
अगले दिन जब रमेश ऑफिस के लिए निकलने वाला था कि तभी उसकी नज़र उस गिफ्ट पर पड़ी, उस पर लिखा था-
I Love You Papa.
अब रमेश अपने कल की हरकत पर शर्मिंदगी महसूस हुई.
उसने फ़ौरन डिब्बा खोला कि देखें गुड़िया ने उसे क्या दिया है. पर ये क्या डिब्बा खाली था.
अब एक बार फिर रमेश गुस्से से भर गया.
“सुनो गुड़िया…इधर आओ… ये क्या मजाक है! क्या तुम जानती नहीं कि जब भी हम किसी को गिफ्ट देते हे, तो अंदर कुछ होना चाहिए, किसी को खाली बॉक्स गिफ्ट में देते हैं क्या?”
नन्ही गुड़िया की आँखों में आंसू आ गए और वो रोते-रोते बोली-
पापा, ये बिलकुल खाली नहीं हैं. मेने इसमें ढेल साले किस डाले हैं. ये छब आपके लिए हैं, पापा.
अब पापा की आँख में आंसू थे. उन्होंने अपनी बेटी को बांहो में ले लिया और उससे माफ़ी मांगने लगे. एक बार फिर बाप और बेटी दोनों प्रेम के सागर में गोते लगाने लगे.
दोस्तों, प्यार ही इस ज़िन्दगी का सबसे बड़ा तोहफा है. इसकी कोई कीमत नहीं फिर भी ये सबसे कीमती है. लेकिन हम human beings materialistic life में इतने उलझे हुए रहते हैं कि प्रेम,स्नेह, वात्सल्य के महत्त्व की ओर ध्यान ही नहीं देते. चलिए इस कहानी से सीख लेते हुए हम अपने loved ones के लिए समय निकालें, उनसे प्रेम करें और उन्हें भी ये सबसे कीमती तोहफा दें.
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